प्राचीन काल में ऋषि एवं महर्षि द्वारा राजाओं को उनके भविष्य के बारे में गणना के आधार पर बताया जाना ज्योतिष का ही हिस्सा था,अर्थात् ज्योतिष हमारे देश में बहुत पहले से ही चली आ रही है,इसी आधार पर आजकल लोग बहुत से काम को करने का अथवा किसी शुभ कार्य को करने का पता लगा पाते हैं, भारतीय आचार्यों द्वारा रचित ज्योतिष की पांडुलिपियों की संख्या एक लाख से भी अधिक है, यही नहीं ज्योतिष प्राचीन काल में एक बहुत बड़ा गणित का विभाग ही था जो गणना के आधार पर ग्रह और नक्षत्र की स्थिति का बोध कराता था,हालांकि बाद में चलकर इसको भी तीन विभाग में बांट दिया गया।
१.तंत्र या सिद्धांत – इसमें ग्रहों की स्थिति और नक्षत्र का ज्ञान गणित के द्वारा प्राप्त किया जाता है।
२. होरा -इसका संबंध कुंडली बनाने से है।
३.शाखा -इसमें शकुन परीक्षण ,लक्षणपरिक्षण एवं भविष्य सूचना का विवरण है।
इन तीनों विभागों के ज्ञाता को संहितापारग कहा जाता है।
हालांकि आज ज्योतिष के विभाग के लिए प्रचलित शब्द हैं :
– वेदांग ज्योतिष
– सिद्धांत ज्योतिष
– फलित ज्योतिष
– अंक ज्योतिष
– खगोल शास्त्र
अब बात करते हैं आज के समय में किस तरह ज्योतिष का दुरूपयोग किया जा रहा है:
हर इंसान अपना भविष्य बेहतर चाहता है या बेहतर कल्पना करता है,लेकिन इस बात की पुष्टि करने के लिए कोई ना कोई ज्ञाता होना चाहिए ,तो इंसान ज्योतिषी के पास ज़रूर जाता है इस बारे में जानने के लिए,व्यक्ति की चिंता से ज्योतिषी भली भांति परिचित हो जाता है उसके जाते के साथ ही,उसकी दुखती नब्ज़ पर हाथ रखने के साथ अपना पास फेंकता है और मजबूरी में इंसान स्वयं को उसके आधीन कर ही देता है और उसकी हर बात को मानता है,यही नहीं कई ज्योतिषी शुरुआत में ग्राहकों को मुफ़्त सेवा देने का भी आश्वासन देते हैं लेकिन जैसे ही ग्राहक उनके पास जाते हैं ,ज्योतिषी तरह तरह की बातें बताकर उन्हें एक तरह से बुने हुए जाल में फंसा लेते हैं,तो इस तरह मुफ़्त सेवा देने का झांसा देकर बहुत झंझावात में फंसा दिया जाता है।
लेकिन मानवता की दृष्टि से भी अगर देखें तो ये बात बिल्कुल ग़लत है और निंदनीय भी है,अपने फायदे के लिए एक ज्योतिषी कैसे किसी का इस्तेमाल कर सकता है,लेकिन अफ़सोस इस बात का है कि ६०-७० प्रतिशत ऐसा ही होता है।
इसलिए ये बेहद ज़रूरी है कि आप जिस भी ज्योतिषी के पास जाएं उसे आप भली भांति जानते हों और उसे परखने का भी प्रयास करें और उस से समाधान प्राप्त कर चुके बाक़ी कस्टमर से भी उसके बारे में राय लें,ऐसा करके आप न सिर्फ स्वयं को भ्रमित होने से बचाएंगे बल्कि कई दुष्प्रभाव से भी स्वयं को बचा पाएंगे।
किसी भी वास्तु,ज्योतिष संबंधी जानकारी के लिए हमें मैसेज करें।
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