भारत जड़ी बूटियों से लेकर उससे बनने वाली औषधियों के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है,हालांकि ये औषधि वास्तव में बेहद गुणकारी भी होते हैं,शरीर के हर अंग की व्याधियों को दूर रखने की क्षमता से भी भरपूर होते हैं,और सबसे अच्छी बात कि ये औषधि भारत में बहुतायत में हैं,लेकिन कहते हैं ना,’ घर की मुर्गी दाल बराबर ‘ जड़ी बूटियां औषधि के होने के बावजूद हमारे देश में अब इसकी उतनी एहमियत समझी नहीं जाती ,जबकि वास्तविकता यही है कि इस प्रकार की औषधि शरीर को बिना किसी अन्य नुकसान पहुंचाए व्याधि से दूर रखती है या अगर व्यक्ति उस व्याधि की चपेट में आ चुका है तो उसे जड़ से समाप्त कर देती है।
इसी तरह की एक और गुड़कारी औषधि है गिलोय जिसके विषय में अमूमन लोगों को धीरे धीरे वर्तमान में चल रहे महामारी के दौरान मालूम चल रहा है,और जिसे नहीं मालूम होगा ,हम लेख से इतनी अपेक्षा ज़रूर रखते हैं कि उस तक भी पहुंच जाए।
अब आइए इस औषधि के विषय में जानते हैं,गिलोय पान के पत्तों के आकार के होते हैं,इसे और भी कई नामों से जाना जाता है,जैसे : अमृता,गुडुची,छिन्नरुहा, चक्रांगी, आदि,अमृत के समान गुणकारी होने से ही इसका नाम अमृता पड़ा, गिलोय को ज्वर के लिए एक महान औषधि माना जाता है,गिलोय सामान्यतः पहाड़,खेत की मेड़, जंगलों इत्यादि जगह प्रचूर मात्रा में पाई जाती है।
अब गिलोय के गुण निम्नलिखित हैं:
– रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में बेहद कारगर।
– ज्वर के लिए बेहद फायदेमंद सिद्ध है।
– सर्दी जुखाम को दूर भगाता है।
– चर्म संबंधी रोगों में भी विशेष गुणकारी होता है।
– पाचन तंत्र की क्रियाशीलता को मजबूत करता है।
किसी भी वास्तु,ज्योतिष संबंधी जानकारी के लिए हमसे संपर्क करें।
Predictionsforsuccess.com
हमारे वास्तु एक्सपर्ट Vishal Bhardwaj से प्रश्न करें और अपनी बात साझा करें।
विशाल भारद्वाज भारत के एक जाने माने वास्तु एक्सपर्ट होने के साथ साथ एक सफ़ल career counselor, Relationship adviser और Matchmaking expert भी हैं ।
जो अपनी विद्या से दुनिया भर में 89 देशों से 25000 से ऊपर लोगों की मदद कर चुके हैं ।
आपके तरीक़े और उपचार इतने सटीक और कामगर हैं के आपको बहोत सारी पत्रिकाओं में स्थान दिया गया है, जिनमें से “The Economics Times” , “The Digest” , “Catch News”, “The Quint” कुछ प्रमुख नाम हैं ।
धन्यवाद्